Generation of Computers
पहली पीढ़ी के कम्प्यूटर (First Generation Computers) (1946 – 1959)
- 1952 में डाॅ. ग्रेस हापर द्वारा असेम्बली language (Assembly Language) के आविष्कार से प्रोग्राम लिखना आसान हो गया।
- इनमें मशीनीय भाषा (Mechine Language) का प्रयोग किया गया। भंडारण के लिए पंचकार्ड Panch Card का प्रयोग किया गया।
- ये आकार में बड़े और अधिक ऊर्जा खपत करने वाले थे।
- एनिएक (ENIAC), यूनीबैक (UNIVAC) तथा आईबीएम (IBM) के उदाहरण हैं।
- इसमें निर्वात ट्यूब (Vacuum Tubes) का प्रयोग किया गया।
दूसरी पीढ़ी के कम्प्यूटर (Second Generation Computers) (1959 – 1965)
- निर्वात ट्यूब की जगह ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया जो हल्के, छोटे और कम विद्युत खपत करने वाले थे। इनकी गति तीव्र और त्रुटियां कम थी
- पंचकार्ड की जगह चुम्बकीय भंडारण उपकरणों (Magnetic Storage Devices) का प्रोयोग किया गया जिससे भंडारण क्षमता और गति में वृद्धि हुई।
- व्यवसाय तथा उद्योग में कम्प्यूटर का प्रयोग आरंभ हुआ। बैच आपरेटिंग सिस्टम (Batch Operating System) का आरंभ किया गया।
- सॉफ्टवेयर में कोबोल (COBOL – Common Business Oriented Language) और फोरट्रान (FORTRAN) जैसे उच्च स्तरीय भाषा का विकास, आईबीएम द्वारा किया गया। जिससे प्रोग्राम लिखना आसान हुआ।
तीसरी पीढ़ी के कम्प्यूटर (Third Generation Computers) (1965 – 1975)
- ट्रांजिस्टर की जगह इंटीग्रेटेड सार्किट (IC- Intergrated Cirecuit) का प्रयोग शुरु हुआ, जिसमें सैकड़ों इलेक्ट्राॅनिक उपकरण- जैसे ट्राजिस्टर, प्रतिरोधक (Resistor) और संधारित्र (Capactitor) एक छोटे-छोटे चिप पर बने होते हैं।
- इस पीढ़ी के कम्प्यूटर हल्के, कम खर्चीले तथा तीव्र थे, और अधिक विश्वसनीय थे।
- प्रारंभ में SSI (Small Scale Integration) और बाद में MSI (Medium Scale Integration) का प्रयोग का किया जाने लगा।
- चुम्बकीय टेप और डिस्क के भंडारण क्षमता में वृद्धि हुई। रैम (RAM Random Access Memory) के कारण कार्य गति में वृद्धि हुई।
- उच्च स्तरीय भाषा में पीएल -I (PL-I), पास्कल (PASCAL) तथा बेसिक (BASIC) का विकास हुआ।
- हाॅर्डवेयर और सॉफ्टवेयर की अलग-अलग बिक्री प्रारंभ हुई। इससे उपयोगकर्ता आवश्यकतानुसार सॉफ्टवेयर ले सकता था। और अपने कार्य के आधार पर सॉफ्टवेर का उपयोग किया जाने लगा।
- 1965 में डीइसी (DEC- Digital Equipment Corporation) द्वारा प्रथम व्यवसायिक मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer) पीडीपी-8 (Programmed Data Processor-8) का विकास हुआ।
- टाइम शेयरिंग आपरेटिंग सिस्टम (Time Sharing Operating System) का विकास हुआ।
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चौथी पीढ़ी के कम्प्यूटर (Fourth Generation Computers (1975 – 1989)
- आपरेटिंग सिस्टम में एम.एस. डाॅस (MS-DOS), माइक्रोसॉफ्ट विण्डोज (MS- Windows) तथा एप्पल आपरेटिंग सिस्टम (Apple OS) का विकास हुआ
- माइक्रो प्रोसेसर का विकास एम ई हौफ ने 1971 में किया। इससे व्यक्तिगत कम्प्यूटर (Personal Computer)का विकास हुआ।
- चुम्बकीय डिस्क Disk और टेप का स्थान अर्धचालक (Semiconductor) मेमोरी ने ले लिया। रैम (RAM) की क्षमता में वृद्धि से कार्य अत्यंत तीव्र हो गया।
- उच्च गति वाले कम्प्यूटर नेटवर्क (Network) जैसे लैन (LAN) व वैन (WAN) का विकास हुआ।
- 1981 में आईबीएम (IBM) ने माइक्रो कम्प्यूटर का विकास किया जिसे पीसी (PC- Personal Computers)कहा गया।
- एलएसआई (LSI-Large Scale Intergration) तथा वीएलएसआई (VLSI-Very Large Scale Integration) चिप तथा माइक्रो प्रोसेसर के विकास से कम्प्यूटर के आकार में कमी तथा क्षमता में वृद्धि हुई।
- सॉफ्टवेयर में ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUI- Graphical User Interface) के विकास ने कम्प्यूटर के उपयोग को सरल बना दिया।
- समानान्तर कम्प्यूटिंग (Parallel Computing): तथा मल्टीमीडिया का प्रचलन प्रारंभ हुआ।
- उच्च स्तरीय भाषा का मानकीकरण किया गया ताकि किसी प्रोग्राम को सभी कम्प्यूटर में चलाया जा सके।
- उच्च स्तरीय भाषा में “C” भाषा का विकास हुआ जिसमें प्रोग्रामिंग सरल थी।
पाचवीं पीढ़ी के कम्प्यूटर (Fifth Generation Computers) (1989 – अब तक)
- यूएलएसआई (ULSI-Ultra Large Scale Intergration) के विकास से करोड़ों इलेक्ट्राॅनिक उपकरणों को चिप पर लगाया जा सकता। आप्टिकल डिस्क (Optical disk) जैसी सीडी के विकास ने भंडारण क्षेत्र में क्रांति ला लि गए।
- नये कम्प्यूटर में कृत्रिम ज्ञान क्षमता (Artificial Intelligence) डालने के प्रयास चल रहे हैं ताकि कम्प्यूटर परिस्थितियों के अनुकूल स्वयं निर्णय ले सके।
- नेटवर्किंग के क्षेत्र में इंटरनेट (Internet), ई-मेल (e-mail) तथा डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू (www- world wide web) का विकास हुआ।
- मैग्नेटिक बबल मेमोरी (Magnetic Bubble Memory) के प्रयोग से भंडारण क्षमता में वृद्धि हुई।
- पोर्टेबल पीसी (Portable PC) और डेस्क टाॅप (Desktop PC) ने कम्प्यूटर को जीवन के लगभग प्रत्येक क्षेत्र से जोड़ दिया।
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