Different Types of Computers - कंप्यूटर को चार अलग-अलग प्रकारों में वर्गीकृत किया है



कंप्‍यूटर को चार भागो में वर्गीकरण किया -

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कंप्‍यूटर को चार भागो में वर्गीकरण किया -
  • Super Computers – सुपर कंप्यूटर
  • Mini Computers – मिनी कंप्यूटर
  • Micro Computers – माइक्रो कंप्यूटर
  • Mainframe Computers- मेनफ़्रेम कंप्यूटर
1. Super Computer सुपर कम्प्यूटर -
वर्तमान में उपलब्ध कंप्यूटरों में सुपर कंप्यूटर सबसे अधिक तीव्र क्षमता, दक्षता व सबसे अधिक स्मृति क्षमता वाला कंप्यूटर है। वे काफी तेज है, प्रति सेकंड में लाखो की जानकारी समझ और पद सकते है, आधुनिक परिभाषा के अनुसार, वे कंप्यूटर, जो 500 मेगाफ्लॉप की क्षमता से कार्य कर सकते हैं, सुपर कंप्यूटर कहलाते है। सुपर कंप्यूटर एक सेकंड में एक अरब गणनाएं कर सकता है। और बड़ी मात्रा में deta डेटा  को स्टोर कर सकता है,
वे आकार में विशाल हैं , और सबसे शक्तिशाली हे किसी भी अन्य कंप्यूटर के मुकाबले और जटिल वैज्ञानिक अनुप्रयोग जैसे कि परमाणु ऊर्जा, आनुवंशिक इंजीनियरिंग, परमाणु ऊर्जा, मौसम पूर्वानुमान, रक्षा, अंतरिक्ष की खोज और आगे के रूप में उपयोग किया जाता है।

इन्हें भूकंप के माप की गणना में भी उपयोग किया जाता है, जब वे विपरीत होते हैं या दूसरों के साथ तुलना करते हैं तो वे काफी अधिक महंगा होते हैं

उदाहरण :: परम- (PARAM) टियान -2 (Tianhe-2)

2. Mini Computer मिनि कम्प्यूटर -  मिनी कम्प्यूटर को केवल मिनी भी कहतें हैं। ये एक Multi user system होता है, मतलब इसमें एक साथ कई लोग (multiuser) काम कर सकते हैं। इस कम्प्यूटर के मुख्य भाग को एक बिल्डिंग में रख दिया जाता है, एवं उसके साथ कई टर्मिनल (क्लाइन्ट कम्प्यूटर) को जोड़ दिया जाता है। वे सामान्यतः मिड्रैज कंप्यूटर्स के रूप में जाना जाता है, जिन्हें 1960 में ट्रांजिस्टर और कोर मेमोरी टेक्नोलॉजी का उपयोग करके विकसित किया गया था और ये छोटा, सस्ता है, और इसमें एक विशाल डेटा या सूचना भंडारण क्षमता है, Mini Computers का उपयोग उत्पादन उद्योग में किया जाता है

100 टर्मिनलों के साथ सिस्टम नेटवर्किंग की स्थिति में “HOST” के रूप में उपयोग किया जा सकता है , उनके पास एक कठिन ऑपरेटिंग सिस्टम है, एक साथ अलग कार्य कर सकते हैं। वे डिजिटल कंप्यूटर हैं जो उच्च गति के साथ काम कर सकते हैं और स्वतंत्र उद्यमों में और वैज्ञानिक उपयोग में भी उपयोग किया जाता है। शक्तिशाली मिनीकंप्यूटर को सुपर-मिनिस कहा जाता है
3. Micro Computer माइक्रो कम्प्यूटर - माइक्रो कंप्यूटर एक ऐसा कंप्यूटर है जिसमें माइक्रो-प्रोसेसर इसके सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट के रूप में होता है। मेनफ्रेम और मिनी कंप्यूटरों की तुलना में इनका आकार छोटा होता है। ये आकार में इतने छोटे होते हैं कि इन्हें हम आसानी से अपने कॉलेज, स्कूल के बैग में, कही पर भी ले जा सकते है, या घरों के टेबल के ऊपर रख सकते हैं। यहॉं तक कि अपने हाथ में भी पकड़कर कहीं भी ले जा सकते हैं। इन कम्प्यूटर्स द्वारा हम अपने जरूरत के सारे काम कर सकते हैं। माइक्रो कम्प्यूटर में, प्रोसेसर के रूप में के माइक्रो-प्रोसेसर का प्रयोग किया जाता है, यही वजह है कि इन्हें माइक्रो कम्प्यूटर कहा जाता है।
उदाहरण:- डेस्कटॉप कम्प्यूटर, पर्सनल कम्प्यूटर, आल इन वन पीसी, लैपटॉप / नोटबुक, टैबलेट, पीसी, पामटॉप या पीडीए (PDA- Personal Digital Assistance) हैं। कम्प्यूटर की चौथी पीढ़ी (Fourth Generation) के शुरूआत में ही 1971 में माइक्रो-प्रोसेसर का निर्माण हुआ। माइक्रो-प्रोसेसर के विकास के कारण ही इस कम्प्यूटर का आकार इतना छोटा हो गया है कि ये आज के समय में फोन या घड़ी के आकार में भी विकसित किये जा रहे हैं। और कार्य करने की क्षमता में अद्भुत वृद्धि हुई है। इसके साथ ही कीमत जो कि पहले काफी ज्यादा थी, पर माइक्रो-प्रोसेसर के निर्माण के साथ ही काफी हद तक कम हो गई है। जिसके कारण आम जन इस कम्प्यूटर को खरीदने ने सक्षम हो पायें हैं।

इन्टेल कॉरपोरेशन ने सबसे पहले माइक्रो-प्रोसेसर को बाजार मे उपलब्ध कराया।

प्रथम माइक्रो कम्प्यूटर 8-बिट माइक्रो-प्रोसेसर चिप से बना था। इसमें Data को इनपुट करने के लिए की-बोर्ड व आउटपुट देखने के लिए मॉनीटर का प्रयोग होता है।

माइक्रो कम्प्यूटर की क्षमता 1 लाख संक्रियाऍं (Operations) प्रति सेकेण्ड होती है और इनमें सिंगल यूजर ऑपरेटिंग सिस्टम प्रयोग किया जाता है। मतलब इन प्रकार के कम्प्यूटरों में एक समय में एक ही व्यक्ति कार्य कर सकता है।

एक ही चिप यानी की मदर बोर्ड में इन कम्प्यूटर्स के सारे जरूरी कम्पोनेन्ट होने के कारण इन कम्प्यूटर्स को ‘कम्प्यूटर ऑन ए चिप’ भी कहा जाता है।

आज के समय में माइक्रो कम्प्यूटर काफी प्रचलित है और छोटे-बड़े सभी संस्थाओं व घरों में इनका उपयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।

विभिन्न कम्पनियां जो माइक्रो कम्प्यूटर को बाजार में बेचतीं हैं- IBM, Dell, Samsung, HP, Lenovo, Apple, Acer, Asus, Compaq आदि।

4. MainFrame Computer मेनफ्रेम कम्प्यूटर - मेनफ्रेम कम्प्यूटर एक शक्तिशाली कम्प्यूटर होते हैं। इनका आकार व कार्य क्षमता Mini व microcomputer दोनो से ज्यादा होती है। इन कम्प्यूटर में हजारों माइक्रो-प्रोसेसर का प्रयोग किया जाता है, जिससे इनकी डेटा प्रोसेस करने की गति अत्यन्त तीव्र होती है।
मेनफ्रेम कम्प्यूटर एक शक्तिशाली कम्प्यूटर होते हैं। मेनफ्रेम कंप्यूटर, एक ऐसा कंप्यूटर हैं, जो डेटा को तेजी से प्रोसेस करने के लिए बनाया गया है। transaction प्रोसेस के लिए मुख्य रूप से मेनफ्रेम कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है। मेनफ्रेम कंप्यूटर की प्रोसेसिंग पावर सर्वर और माइक्रो कंप्यूटर (जैसे- लैपटॉप, पीसी, आदि…) की तुलना में काफी अधिक होती है। इनका उपयोग मुख्य रूप से बैंकिंग सेक्टर, कॉर्पोरेट सेक्टर और सरकारी एजेंसियों में किए जाते हैं क्योंकि इनमे हमेशा एक Secure System की आवश्यकता होती है ताकि लेनदेन सुरक्षित तरीके से किया जा सके, और डेटा को बाहरी दुनिया से सुरक्षित रखा जा सके। मेनफ्रेम कंप्यूटर, मिनी और माइक्रो कंप्यूटर से अधिक शक्तिशाली होता है। जटिल और लंबी गणनाओं को निष्पादित करने के लिए मेनफ्रेम कंप्यूटर, सुपर कंप्यूटर के बाद सबसे तेज कंप्यूटर माने जाते है। 
मेनफ्रेम कंप्यूटर, मल्टीयूज़र, मल्टीप्रोग्राममिंग और उच्च प्रदर्शन वाले कंप्यूटर हैं। जो आमतौर पर Centralized database में उपयोग किए जाते हैं। मेनफ्रेम कंप्यूटर ऐसे बड़े और शक्तिशाली सिस्टम हैं, जो बहुत तेज गति से कार्यो को प्रोसेस करने में सक्षम है। मेनफ्रेम कंप्यूटर का उपयोग बैंकों या बड़ी कंपनियों में किया जाता है, जहां कई लोगों को एक ही डेटा को लगातार एक्सेस करने की आवश्यकता होती है। मेनफ्रेम कंप्यूटर, मेमोरी (रैम) और कई प्रोसेसर का एक संयोजन है। यह कई वर्क स्टेशनों और इससे जुड़े टर्मिनलों के लिए एक central processing unit के रूप में कार्य करता है।